महात्मा गांधी बापू दिवस/Mahatma Gandhi rastriy diwas2023/

भारत के राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी जिन्हें बापू या महात्मा गांधी के नाम से भी जाना जाता है, गांधी जी का जन्म दिन 2 अक्टूबर 1869 में पोरबंदर में हूवा था । इसी दिन को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप से भी जाना जाता है।इस साल 2023 में सोमवार 154वा गांधी जयंती के रूप में मनाया जायेगा । इस दिन को अंतराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है । भारत में हर साल 2 अक्टूबर को गांधी दिवस के रूप मनाया जाता है यह एक राष्ट्रीय त्योहार हैं।गणतंत्र दिवस और स्वतंत्र दिवस के बाद यह तीसरा राष्ट्रीय त्योहार हैं।

महात्मा

महात्मा गांधी बापू दिवस/Mahatma Gandhi rastriy diwas2023/
महात्मा गांधी बापू दिवस/Mahatma Gandhi rastriy diwas2023/

Contents

बापू का शिक्षा

महात्मा गांधी हिंसा और अहिंसा के विरोधी थे । गांधीजी ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई ब्रिटिश शासित भारत में पूरी की और फिर इंग्लैंड में कानून की पढ़ाई करने चले गए। दक्षिण अफ्रीका में कानून का अभ्यास करने के बाद वह 1915 में भारत लौट आए और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बन गए। उन्होंने अपनी बेहतरीन नेतृत्व क्षमता से आजादी के आंदोलन में जबरदस्त जान फूंक दी। उन्होंने चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, दांडी मार्च और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे महत्वपूर्ण आंदोलनों का नेतृत्व किया। ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ संघर्ष करते हुए महात्मा गांधी ने इस बात को सिद्ध किया कि सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है।

गांधी जी का सिद्धांत

महात्मा गांधी के सिद्धांत आज भी दुनिया को साझा प्रयासों के लिए किस कदर प्रेरित करते हैं, इसकी बानगी हाल में भारत की अध्यक्षता में देश में ही संपन्न हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान देखने को मिली जब दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बापू की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित कर कहा, ”भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी महात्मा गांधी के संरक्षक (ट्रस्टीशिप) के सिद्धांत में निहित है… ट्रस्टीशिप जो हमारे देशों के

बीच साझा है और जो हमारे साझे ग्रह के लिए है.”देशों में उथल-पुथल, संकट और कई मोर्चों पर असमानता के चलते युद्ध के मुहाने पर खड़ी नजर आती दुनिया में बापू के विचारों की कितनी जरूरत है, यह किसी से छिपा नहीं है. सादा जीवन उच्च विचार और सत्य के मार्ग पर चलकर अहिंसा का पालन करने का उनका सिद्धांत आज भी दुनिया को शांति की राह दिखाता है.

बापू ने देखा था ‘स्वच्छ भारत’ का सपना

बापू की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ में कई ऐसे मौकों का जिक्र है जब उन्होंने स्वच्छता के लिए खुद आगे आकर लोगों को प्रेरित किया. अपने हाथों से सार्वजनिक जगहों पर सफाई की. भारत सरकार की एक वेबसाइट कहती है कि महात्मा गांधी ने ‘स्वच्छ भारत’ का सपना देखा था, वह चाहते थे कि सभी देशवासी मिलकर देश को स्वच्छ बनाने में योगदान दें. उनके इस सपने को पूरा करने के लिए पीएम मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया जो आज भी जारी है.

महात्मा गांधी स्वदेसी अपनाने का प्रयास किया था

।महात्मा गांधी स्वदेसी बनने को कहा हर देश भर के आदमी को उन्होंने विदेशी कपड़ो को होली जला दिया उन्होंने कहा कि विदेशी कपड़ो का पहनावा नही करना चाहिए हमे स्वदेसी बनना चाहिए। स्वदेसी बनने से हम किसी दूसरे देश पर निर्भर नही रहेंगे हम खुद अपना खाना पीना पहनावा ओडावा खुद हमे बेवस्था करना होगा महात्मा गांधी नही चाहते थे की विदेशी कपड़ो और खाद्य पदार्थ भारत का लोग उपयोग करे वे चाहते थे की देश एक आत्म निर्भर बने हर जरूरत देश में उपलब्ध हो किसी दूसरे देश पर निर्भर नही रहना पड़े।https://youtube.com/@Apple?si=fPGOLJCq3zg5n2Go

https://www.aajtak.in/नेतरहाट में किस समय घूमने जा सकते है?

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top