गांव का सांस्कृतिक क्या हैं/gaon ka sansktriti kya hain? गांव का सांस्कृतिक गांव का लोग अपने दैनिक जीवन जीने के लिए अधिकतर जंगलों पहाड़ों पर और कृषि पर निर्भर रहते है जंगलों से जरूरतों का सामान इकट्ठा करते हैं और खाने से लेकर घर निर्माण तक का सामान पहाड़ों से एकत्रित करते है
गांव का लोग जंगलों से क्या क्या इकट्ठा करते है?
गांव का लोग पहाड़ों से इमारती लकड़ी जलावन लकड़ी खाने का वास्तु जैसे गांव का लोग जंगलों में शिकार करने जाते है और जंगली खाद्य पदार्थ को एकता करते है वही गांव का लोग जंगली जादीबुतियो को भी इक्ट्ठा करते है जिसे बेंच कर आमदनी कमाते है।जैसे जंगलों से फलों और फूलो को इक्ट्ठा करके अपने जीविका चलाने के लिए उसे बेचना जैसे काम करते है।
गांव का जीवन कैसा रहता है?
गांव की जीवन एक साधारण जीवन रहता है अपने जीविका चलाने के लिए गांव का लोग काफी कठिनाइयों से गुजरता है गांव में सैछनिक बेवस्था अच्छी नहीं होती है जिससे की गांव का लोग का अच्छा शिक्षा नही हो पाता है गांव का लोग अच्छी शिक्षा के लिए शहरो और महा नगरों की योर पलायन होते है ।जिससे उसे अच्छी शिक्षा मिल पाए गांव का लोग अपने दैनिक जीवन जीने के लिए शहरो की योर पलायन होते है क्योंकि गांव में अच्छी रोजगार नहीं मिल पाता है।
गांव का लोग अपने मनोरंजन के लिए क्या करते है?gaon ka sansktriti kya hain?
गांव में अक्सर देखा जाता है की मनोरंजन के लिए कोई जगह नही होता है जैसे सिनेमा घर पार्क इत्यादि मॉल तो ऐसे में लोग अपने मनोरंजन के लिए जंगलों में घूमने जाया करते है वहीं मछली पकड़ना शिकारी करना जैसे कार्यों में लिप्त रहते है । और छोट्टे बचे अपने मनोरंजन के लिए गीली डांटा इत्यादि खेला करते हैं
गांव में खेती कैसे होती हैं?gaon ka sansktriti kya hain?
गांव में अक्सर देखा जाता है की खेती करने के लिए बैलो के द्वारा खेतो की जुताई करते है और उसमे फसल बोया जाता है। गांव का लोग अधिकतर खेती सिंचाई के द्वारा भी किया करते है जैसे कुआं से पानी निकाल कर फसलों को सींचना कही कही ऐसे भी गांव देखा जाता है की गांव नदी के किनारे बसा होता है और नदियों के द्वारा फसलों को सिंचाई करते है आज भी ऐसे गांव देखा जाता है जहा सड़क मार्ग की सुविधा नहीं है ऐसे गांव अपने जीविका के लिए खेती पर ही निर्भर रहते है।
गांव में सादी किस प्रकार किया जाता है?gaon ka sansktriti kya hain?
गांव में सादी एक त्योहार के रूप में होता है जहां गांव के सारे लोग इकट्ठा होता है और महिमानो को भी बुलाया जाता है।सारे ब्यक्ति इक्ट्ठा होने के बाद सादी किया जाता है । गांव में सहयोग के लिए थोड़ा थोड़ा हर घर से चावल दाल इकट्ठा किया जाता है और उसी चावल को सादी में आए मेहमान को पका कर परोसा जाता है । चावल पकाने का काम स्थानीय लडको के द्वारा ही किया जाता है और गांव में चावल परोसने के लिए महिलाएं द्वारा जंगलों से पत्ता एकत्रित करके उसको पत्तल बनाया जाता है ।गांव में सादी अपने जाति धर्म के अनुसार ही किया जाता है जो की पहले से जो प्रथा आ रही है उसी नियम के अनुसार किया जाता है । सादी में मनोरंजन के लिए ढोल नगाड़ा किभी बेवस्थ रहता है और गांव में महिलाएं द्वारा चावल का हड़िया बनाया जाता है जो की आए महिमान को परोसा जाता है । गांव में मड़वा साल के बृछ को गड़ा जाता है जो की आदिवासी का सांस्कृति है साल का बृच्छ नही गाड़ने से सादी भी नही होगा ।
गांव में लोग रोजगार के लिए क्या करते है?gaon ka sansktriti kya hain?
गांव का लोग रोजगार ले लिए शहरो और महानगरों की योर पलायन होते है क्योंकि गांव में किसी तरह की रोजगार सुविधा नहीं मिल पाता है इस लिए गांव का लोग भरी संख्या में रोजगार के लिए शहरो की योर पलायन होते जा रहे है जिससे की उसे शहरो और महा नगरों में अच्छी रोजगार और अच्छा रुपया मिल सके जिससे वह अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर सकता है और गांव का लोग रोजगार के लिए मात्यश पालन भी किया करते है जिससे की उसे अच्छा रुपया मिल पाता है। और खेती करके अपने जीवन को चलाता है खेती में जो सब्जी या चावल होता है उसे कुछ को बेंच दिया जाता है और उससे जो पैसा बनता है उससे जरूरत का सामान लिया जाता हैं
गांव में शिक्षा का स्तर कैसा रहता हैं?
गांव में शिक्षा का स्तर काफी कम रहता है। जो की गांव में अच्छा स्कूल कॉलेज नही रहने के कारण लोग अच्छी शिक्षा नही प्राप्त कर पाते है कोई कोई अपनी शिक्षा पाने के लिए शहरो की योर चला जाता है जिससे की उसे अच्छी शिक्षा मिल सके। गांव में शिक्षा का अभाव होने के कारण बहुत सारे बच्चे पड़ भी नही पाते है ।गांव में अक्सर बहुत कम शिक्षित लोग देखने को मिलता है जो की शहरो से अपना पढ़ाई करके आया हुवा रहता है।